त्याग प्रथा क्या थी?
उत्तर – राजपूत परिवारों में विवाह के समय चारण, भाट, ढोली आदि दृढ़तापूर्वक मुँह मांगी दान दक्षिणा की मांग करते थे, जिसे त्याग तथा इस प्रथा को त्याग प्रथा (पोल पात बारहठ) कहते हैं ।
- त्याग प्रथा पर सर्वप्रथम प्रतिबंध 1841 ई. जोधपुर में महाराजा मानसिंह ने लगाया था।
- वाल्टर कृत राजपूत हितकारिणी सभा ने भी इस प्रथा को समाप्त करने के लिए काफी प्रयास किए थे