ग्रामीण गैर कृषि विकास अभिकरण (RUDA) की स्थापना कब की गई ?
उत्तर – ग्रामीण गैर कृषि विकास अभिकरण (RUDA) की स्थापना नवम्बर, 1995 में की गई।
RUDA का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर – RUDA का पूरा नाम Rural Non Agriculture Development Agency है।
ग्रामीण गैर कृषि विकास अभिकरण (RUDA)
- ग्रामीण गैर कृषि विकास अभिकरण (RUDA) की स्थापना नवम्बर, 1995 में की गई। इसका मुख्यालय जयपुर में है।
- वर्तमान में RUDA के तीन उपक्षेत्र यथा – चर्म, लघु खनिज तथा ऊन व वस्त्र के दस्तकारों के लिए कार्य कर रहा है। इसके अतिरिक्त प्रान्त की इस पुरातन कला को आजीविका का साधन बनाकर इसे चिरस्थायी रखा जा सके।
ग्रामीण गैर कृषि विकास अभिकरण (RUDA) के कार्य –
- गैर कृषि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों को बढ़ावा देने का कार्य करता है।
- ग्रामीण दस्तकारों को संगठित व प्रशिक्षित करना।
- ग्रामीण हस्तशिल्प का तकनीकी उत्थान करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जो कृषि नहीं करते, उनको छोटे-छोटे समूह में निश्चित अवधि में स्किल डेवलपमेंट के कार्यक्रम द्वारा प्रशिक्षित करना।
- ग्रामीण लघु उद्यम उत्पादों का विकास तथा आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार डिजायनों का विकास करना।
- ग्रामीण उत्पादों के विपणन हेतु विदेशों में प्रचार हेतु नेटवर्क स्थापित करना।
- ग्रामीण लघु उद्योगों के विकास हेतु बैंक ऋण व अन्य लाभप्रद व्यवस्था सुनिश्चित करना।
- राज्य के दस्तकारों की कला के संरक्षण एवं दस्तकारों के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने एवं विपणन के लिये नये बाजार उपलब्ध कराने हेतु रुडा द्वारा कोटा-डोरिया, बगरू हैण्ड ब्लाॅक प्रिंट, कोटजेवर ब्लू पोटरी, सांगानेर प्रिंट एवं पोकरण पोटरी को भौगोलिक उप-दर्शन में पंजीकृत कराया गया।
RUDA द्वारा संचालित विशेष परियोजना –
(1) शिल्प ग्राम – बाड़मेर, सवाई माधोपुर
(2) हस्तशिल्प गाँव – कैथून (कोटा-डोरिया गाँव), नायला (जयपुर ग्रामीण)
(3) बुनाई केन्द्र – लेटा (जालौर), मांगरोल (बाराँ), सालावास (जोधपुर)
- तालछापर हस्तशिल्प उत्पाद परियोजना – 2007
- राष्ट्रीय क्राफ्ट बाजार मेला – 2021
- बगरु हैण्ड ब्लाॅक प्रिन्ट कलस्टर प्रशिक्षण, जयपुर ग्रामीण
- लोकरंग क्राफ्ट बाजार मेला-2021
- दरी बुनाई प्रशिक्षण कार्यक्रम लवाण, दौसा
- लक्ष्मणगढ़ कशीदाकारी प्रिन्ट कलस्टर प्रशिक्षण कार्यक्रम, सीकर
- चर्म मौजड़ी/जूती दस्तकारों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला, भीनमाल-जालौर