अग्नि नृत्य कहाँ का प्रसिद्ध है ?
उत्तर – अग्नि नृत्य बीकानेर जिले का प्रसिद्ध है।
- अग्नि नृत्य को ’जाटों का नृत्य’ व ’अंगारोें का नृत्य’ कहा जाता है।
- अग्नि नृत्य का उद्गम कतरियासर (बीकानेर) में हुआ।
- संत जसनाथ जी की आराधना में अग्नि नृत्य आयोजित किया जाता है।
- इसके प्रवर्तक रूस्तम जी है।
- जसनाथी सम्प्रदाय के अनुयायी जाट सिद्धों द्वारा रात्रि जागरण में नगाड़ा वाद्ययंत्र पर अग्नि नृत्य किया जाता है।
- इस नृत्य में केवल पुरूष भाग लेते है।
- अंगारों के ढेर को ’धूणा’ कहा जाता है।
- इसके प्रसिद्ध नृत्यकार लालनाथ जी व चौखानाथ जी है।
- नृतक गुरु के सामने नाचते हुये सिद्ध रूस्तमजी व फतै-फतै का उच्चारण करते है।
- इसमें नृतक अंगारों से मतीरा फोड़ना, हल जोतना आदि क्रियाएँ करते है।
- बीकानेर के महाराजा गंगासिंह जी ने इस नृत्य को संरक्षण दिया।