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सीतामाता अभ्यारण्य कहाँ स्थित है?
- सीतामाता अभयारण्य चित्तौडगढ़ में स्थित है।
- 2 जनवरी, 1979 को इस अभ्यारण्य की स्थापना की गई।
- यहाँ दो सदाबहार जल स्रोतों को लव-कुश के नाम से जाना जाता है।
- ’एरीडीस क्रिस्पम’ और ’जुकजाइन स्ट्रैटामेटिका’ – इस अभ्यारण्य में आरकिड की दो दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती है।
- सीतामाता अभ्यारण्य एन्टीलोप प्रजाति के दुर्लभतम वन्य जीव चौसिंगा हिरण के विश्व में सर्वोत्तम आश्रय स्थलों में से एक है।
- चौसिंगा को भेडल भी कहते हैं, देशभर में सबसे ज्यादा भेडल इसी अभ्यारण्य में पाये जाते हैं।
- उङने वाली गिलहरी – सीतामाता अभ्यारण्य में उड़ने वाली गिलहरी पाई जाती है।
- पेंगोलिन – सीतामाता अभ्यारण्य में पाया जाता है, स्थानीय भाषा में इसे आडा हुला कहते हैं।
- यहाँ पर अत्यधिक मात्रा में दुर्लभ वन, औषधियाँ उपलब्ध हैं।