देवनारायण जी की फड़ की विशेषता क्या है?

राजस्थान के लोकप्रिय लोक देवता देवनारायण जी की फड़ का वाचन गुर्जर जाति के भोपे द्वारा जंतर वाद्य यंत्र से किया जाता है। यह सबसे लंबी गाथा वाली तथा सबसे अधिक चित्रांकन वाली सबसे पुरानी फड़ है। देवनारायण जी की फड़ सर्वाधिक बड़ी है। इस पर इनका जीवन वृत्त लोक से लेकर चित्रों में वर्ण व्यंजन एवं विन्यास के साथ चित्रित किया गया है। इनकी फड़ में नाट्य, गायन, मौखिक साहित्य, चित्रकला एवं लोक धर्म का अनूठा संगम मिलता है।

देवनारायण जी की फड़ में चित्रांकन में सर्प का चित्र होता है । इनकी घोड़ी लीलागर को हरे रंग से चित्रित किया जाता है। इस फड़ का वाचन(बाँचना) रात्रि में किया जाता है। 1992 में भारत सरकार ने देवनारायण जी की फड़ पर 2 और 5 रुपए का डाक टिकट जारी किया है।

देवनारायण जी की फड़ -Devnarayan ji ki fad

देवनारायण जी की फड़ की विशेषता क्या है?

वाचन गुर्जर जाति के भोपे द्वारा
डाक टिकट 1992 ई .में भारत सरकार द्वारा
वाद्य यंत्र जंतर
गायन  रात्रि में

FAQ – देवनारायण जी की फड़(Devnarayan ji ki fad)

1. देवनारायण जी की फड़ पर डाक टिकट कब जारी किया गया?

  • 2 सितम्बर, 1992 में देवनारायण जी की फड़ पर 5 रूपये का डाक टिकट भारत सरकार द्वारा जारी किया गया।
  • इसके बाद लोकदेवता देवनारायण जी पर 5 सितम्बर, 2011 में 5 रूपये का डाक टिकट भारत सरकार द्वारा जारी किया गया।

2. सबसे लंबी फड़ किस लोकदेवता की है?

उत्तर  – लोकदेवताओं में सबसे लंबी और प्राचीन फड़ देवनारायण जी की है।

3. देवनारायण जी की फड़ का वाचन किस वाद्य यंत्र के साथ किया जाता है?

उत्तर  – लोक देवता देवनारायण जी की गुर्जर जाति के भोपे द्वारा जंतर वाद्य यंत्र से उनकी फड़ का वाचन करवाया जाता है।

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