योजक चिह्न किसे कहते है?

योजक चिह्न (हाइफन) का विधान स्पष्टता के लिए किया जाता है।
द्वंद्व समास में पदों के बीच हाइफन रखा जाए, जैसे- राम-लक्ष्मण, चाल-चलन, हँसी-मजाक, लेन- देन, पढ़ना-लिखना, खाना-पीना, खेलना-कूदना आदि ।

योजक चिह्न किसे कहते है?

योजक चिह्न (-)

  • समानता सूचक सा, से, सी आदि से पूर्व हाइफन(-) रखा जाए, जैसे- तुम-सा (होशियार), छुरी-सी (जुबान ) ।
  • तत्पुरुष समास में हाइफन(-) का प्रयोग केवल वहीं किया जाए जहाँ उसके बिना भ्रम होने की संभावना हो, जैसे- भू-तत्त्व ।
  • सामान्यतः तत्पुरुष समास में हाइफन लगाने की आवश्यकता नहीं है, जैसे रामराज्य, राजकुमार, गंगाजल, ग्रामवासी, आत्महत्या आदि ।
  • जटिल संधियों से बचने के लिए भी हाइफन का प्रयोग किया जा सकता है। जैसे- द्वि-अक्षर, द्वि-अर्थ, त्रि-अक्षर आदि । किंतु, नामवाची समस्त पदो पर यह नियम लागू नहीं होगा। यथा- त्र्यंबक।

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