दांडी मार्च कब हुआ?
दांडी यात्रा कब हुई?
- दांडी मार्च, जिसे नमक मार्च (Salt March) के नाम से भी जाना जाता है, महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन था।
- 12 मार्च, 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी मार्च प्रारंभ हुआ। साबरमती से दांडी तक की 241 मील की दूरी गांधी जी और उनके अनुयायियों ने 24 दिन में पूरी की ।
- इस दौरान गांधी जी जहां पर विश्राम करते थे, वहीं जनसमूह को सम्बोधित करते थे। उनके भाषणों ने लोगों में अंग्रेजों के जुल्म के विरुद्ध माहौल पैदा कर दिया था।
- 4 अप्रैल, 1930 को रात्रि में पदयात्रा ने दांडी में प्रवेश किया। 5 अप्रैल की प्रातः खादी धारण किए हुए सैकड़ों गांधीवादी सत्याग्रही दांडी तट पर एकत्र हुए।दांडी में प्रेस वार्ता भी आयोजित की गई। अपने संबोधन में गांधी जी ने अगले दिन सुबह नमक कानून तोड़ने की जानकारी दी। 6 अप्रैल को प्रातः दांडी तट पर नमक हाथ में लेकर गांधीजी ने नमक कानून तोड़ा।
- ब्रिटिश कानून के तहत उन्हें हिरासत में लिया गया। गिरफ्तारी से पूर्व गांधी जी ने अपने संदेश में कहा था, “त्याग के बिना मिला हुआ स्वराज टिक नहीं सकता। अतः सम्भव है जनता को असीम बलिदान करना पड़े। सच्चे बलिदान में एक ही पक्ष को कष्ट झेलने पड़ते हैं अर्थात बिना मारे मरना पड़ता है।”
दांडी यात्रा कब से कब तक चली थी?
नमक कानून कब तोड़ा गया था?
6 अप्रैल 1930 को क्या हुआ था?
दांडी यात्रा का उद्देश्य क्या है?
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6 अप्रैल 1930 को क्या हुआ था?
दांडी यात्रा का उद्देश्य क्या है?