आज के आर्टिकल में हम राजस्थान की लूनी नदी में गिरने वाली नदी जवाई नदी(Jawai Nadi) के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
जवाई नदी – Jawai Nadi
- जवाई नदी लूनी की सहायक नदी है।
- जवाई नदी का उद्गम पाली की बाली तहसील के गोरिया/गोरैया गांव से होता है। पाली में बहने के पश्चात् जालौर, सांचौर व बाड़मेर में बहती हुई, बाड़मेर के गुढ़ामलानी नामक स्थान में लूणी नदी में मिल जाती है।
- जवाई नदी पर सुमेरपुर, पाली में जवाई बांध स्थित है। जवाई बांध को ’मारवाड़ का अमृत सरोवर’ कहा जाता है। यह बांध पश्चिमी राजस्थान का जलभराव में सबसे बड़ा बाँध है।
- जवाई बाँध को जलापूर्ति के लिए सेई नदी पर सेई बाँध (सेई परियोजना) बनाकर नहर व जल सुरंग द्वारा इसमें पानी लाया जाता है। यह राजस्थान की पहली जल सुरंग है, जो 6.7 किमी. लम्बी है। इस सुरंग का निर्माण 1977 में करवाया गया।
- जवाई की सहायक नदियाँ मथाई व खारी है।
- यह लूनी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
- जवाई नदी जोधपुर व पाली को पेयजल तथा जालौर व पाली को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाती है।
निष्कर्ष –
आज के आर्टिकल में हमनें राजस्थान से लूनी नदी में गिरने वाली नदी जवाई नदी(Jawai Nadi) के बारे में विस्तार से जानकारी दी। हम आशा करतें है कि हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से आप संतुष्ठ होंगे…धन्यवाद
FAQ –
1. जवाई नदी का उद्गम कहाँ से होता है?
उत्तर – जवाई नदी का उद्गम पाली की बाली तहसील के गोरिया गांव से होता है। पाली में बहने के पश्चात् जालौर, सांचौर व बाड़मेर में बहती हुई, बाड़मेर के गुढ़ामलानी नामक स्थान में लूणी नदी में मिल जाती है।
2. जवाई नदी की सहायक नदियाँ कौनसी है?
उत्तर – जवाई की सहायक नदियाँ मथाई व खारी है।
3. जवाई बांध किस नदी पर स्थित है?
उत्तर – जवाई नदी पर सुमेरपुर, पाली में जवाई बांध स्थित है। जवाई बांध को ’मारवाड़ का अमृत सरोवर’ कहा जाता है। यह बांध पश्चिमी राजस्थान का जलभराव में सबसे बड़ा बाँध है।