श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना कब शुरु की गई ?
उत्तर – श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना 6 जनवरी 2024 को राजस्थान के नये मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुरू की है।
श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना
योजना नाम | श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना |
राज्य | राजस्थान |
शुरुआत | 6 जनवरी 2024 |
पूर्व में नाम | इन्दिरा रसोई योजना |
पूर्व में शुरुआत | 20 अगस्त 2020 |
नोडल विभाग | स्वायत्त शासन विभाग और पंचायती राज विभाग |
उद्देश्य | कोई भूखा ना सोए |
प्रति थाली लाभार्थी द्वारा देय | 8 रुपए |
अन्नपूर्णा रसोई योजना दिसम्बर 2016 को राजस्थान के मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शुरू की थी। इसमें 5 रु. का नाश्ता और 8 रु. का खाना मिलता था। फिर गहलोत सरकार के समय 20 अगस्त 2020 को इन्दिरा रसोई योजना शुरू की गई थी।
- राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इन्दिरा रसोई योजना का नाम बदलकर अब ’श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना’ 6 जनवरी 2024 को शुरू की है।
- अन्नपूर्णा रसोई योजना में थाली का वजन बढ़ाकर 450 ग्राम से 600 ग्राम कर दिया गया है।
- एक थाली में 300 ग्राम चपाती, 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी और 100 ग्राम चावल व खिचड़ी तथा अचार भी शामिल है।
- एक थाली पर कुल लागत 30 रु. है, जिसमें सरकार द्वारा 22 रु. का अनुदान दिया जायेगा और व्यक्ति को 8 रु. का भुगतान करना होगा। राजस्थान में 1000 अन्नपूर्णा रसोई योजना संचालित है।
- इस योजना का ध्येय वाक्य है – ’’कोई भूखा न सोये।’’
श्री अन्नापूर्णा रसोई योजना थाली मेन्यू
1. चपाती | 300 ग्राम |
2. दाल | 100 ग्राम |
3. सब्जी | 100 ग्राम |
4. चावल व मिलेट्स/ खिचड़ी | 100 ग्राम |
5. अचार | |
कुल | 600 ग्राम |
थाली कीमत | 30 रुपए |
क्या बदलाव हुए?
- थाली का वजन पहले 450 ग्राम, अब 600 ग्राम
- थाली की कीमत पहले ₹ 25, अब ₹30
- प्रति थाली अनुदान पहले ₹ 17, अब ₹ 22
- लाभार्थी द्वारा देय राशि पहले ₹ 8, अब ₹8
इन्दिरा रसोई योजना
- 20 अगस्त 2020 को कांग्रेस शासन में इन्दिरा रसोई योजना शुरू की गई थी।
- एक थाली की कुल लागत 20 रु. थी, जिसमें सरकार द्वारा 12 रु. का अनुदान दिया गया और लाभार्थी को इसका 8 रु. भुगतान करना था।
- 1 फरवरी 2022 में इसमें परिवर्तन किया गया। एक थाली की कुल लागत 25 रु. आती है, तो सरकार द्वारा 17 रु. का भुगतान दिया गया और लाभार्थी को इसका 8 रु. का भुगतान करना पड़ा।
- पूर्व में एक थाली में 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती और अचार मिलता था, यानी कुल मिलाकर 450 ग्राम भोजन मिलता था।
- पहले यह योजना 358 नगर निकायों में शुरू की गई थी, बाद में बजट 2022-23 में इसे बढ़ाकर सरकार द्वारा 1000 कर दिया गया।
- वर्तमान में राज्य में 1000 श्री अन्नपूर्णा रसोई संचालित है