गैर नृत्य कहाँ का प्रसिद्ध है ?
उत्तर – गैर नृत्य मेवाड़ और बाड़मेर का प्रसिद्ध है।
- यह नृत्य भील पुरूषों द्वारा किया जाता है।
- यह नृत्य होली के दूसरे दिन से शुरू होकर 15 दिनों तक चलता है। इसमें ढोल, मांदल, बांकिया और थाली वाद्ययंत्रों का प्रयोग किया जाता है।
- इस नृत्य में धमाल, फाग व रंगीला गीत गाये जाते है।
- पुरूषों द्वारा लकड़ी की छड़ियाँ लेकर गोल घेरे में नृत्य किया जाता है। महिलाएँ पास में खड़ी होकर ’फाग’ गाती है।
- गोल घेरे में नृत्य के कारण इसे ’गेर’ तथा गैर करने वाले ’गैरिये’ कहलाते है।