गुर्जर प्रतिहार वंश का संस्थापक कौन था?

गुर्जर प्रतिहार वंश का संस्थापक कौन था?

  • प्रतिहारों का आदि पुरुष माना जाता है – हरिश्चन्द्र को
  • गुर्जर प्रतिहार वंश का वास्तविक संस्थापक नागभट्ट प्रथम(730-756 ईस्वी) को माना जाता है
  • मेड़ता को राजधानी बनाने वाला प्रतिहार शासक – नागभट्ट प्रथम

गुर्जर प्रतिहार सामान्य परिचय

  • गुर्जर का अर्थ – गुर्जरात्र
  • प्रतिहार का अर्थ – रक्षक/द्वारपाल
  • गुर्जर जाति का सर्वप्रथम उल्लेख किस अभिलेख में मिलता है – चालुक्य नरेश पुलकेशिन -2 के एहोल अभिलेख में
  • गुर्जर प्रतिहारों का शासनकाल का समयकाल रहा – आठवीं से 10 वीं शताब्दी
  • ह्वेनसांग नेअपनी पुस्तक सी यु की में गुर्जर प्रदेश को कु -चे -लो और भीनमाल को पिलोमोलो कहा

अलमसूदी ने गुर्जर प्रतिहारों को अल गुजर कहा और राजा के लिये बोरा शब्द का प्रयोग किया।

गुर्जर प्रतिहारों की उत्त्पत्ति

  • पृथ्वीराज रासो,मुहणोत नैणसी – अग्निकुंड से
  • गौरीशंकर हीराचंद ओझा – देशी क्षत्रिय
  • भण्डारकर – विदेशी
  • केनेड़ी महोदय – ईरानी
  • स्टेनकोनो और स्मिथ – हूणों से
  • कनिंघम – कुषाणों से

मुहणोत नैणसी ने गुर्जर प्रतिहारों की कितनी शाखाओं का वर्णन किया – 26 (मण्डोर सबसे प्राचीन)

  • मंडोर की शाखा
  • भीनमाल शाखा

गुर्जर प्रतिहार वंश की पूरी जानकारी यहाँ से पढ़ें

  • Gurjar Pratihar Vansh Sansthapak

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