हल्दीघाटी का युद्ध किनके मध्य हुआ ?
उत्तर – हल्दीघाटी का युद्ध महाराणा प्रताप और मुगल प्रशासक मानसिंह (अकबर) के मध्य हुआ।
- हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून, 1576 ई. में हुआ। गोपीनाथ शर्मा के अनुसार इस युद्ध को समय 21 जून, 1576 ई. माना गया है।
- बदायूँनी ने इस युद्ध को ’गोगुन्दा का युद्ध’ कहा है। बदायूँनी ने अपनी पुस्तक ’मुन्तखब-उत-तवारिख’ में इस युद्ध का आँखों देखा वर्णन लिखा है।
- अबुल फजल ने इसे अपनी पुस्तक ’अकबरनामा’ में इसे ’खमनौर का युद्ध’ कहा है।
- कर्नल जेम्स टाॅड ने इसे ’मेवाड़ की थर्मोपली’ कहा है।
अकबर द्वारा महाराणा प्रताप को अधीनता स्वीकार करवाने हेतु चार शिष्टमंडल भेजे गये थे।
- जलाल खाँ कोरची – नवम्बर, 1572 ई.
- मानसिंह – जून, 1573 ई.
- भगवंत दास – सितम्बर, 1573 ई.
- टोडरमल – दिसम्बर, 1573 ई.
परन्तु महाराणा प्रताप ने अधीनता स्वीकार करने से मना कर दिया और ये चारों शिष्टमंडल असफल रहे।
- हल्दीघाटी युद्ध की योजना अकबर ने मैगजीन दुर्ग में बनाई और मानसिंह को प्रताप पर आक्रमण की जिम्मेदारी दी गई।
- मानसिंह का सैनिक केन्द्र मांडलगढ़ में था और प्रताप का सैनिक केन्द्र गोगुंदा में था।
- मानसिंह की सेना का मोलेला गाँव में पड़ाव डाला गया और प्रताप की सेना का लोसिंग गाँव में पड़ाव डाला गया।
- प्रताप के सहयोगी प्रतापगढ़ के काका कांधल, पाली के अखैराज सोनगरा, मानसिंह सोनगरा और सादड़ी के झाला बीदा थे। प्रताप की सेना के हरावल भाग का नेतृत्व हाकिम खाँ सूरी तथा चन्दावल भाग का नेतृत्व राणा पूंजा कर रहे थे।
- मानसिंह के सहयोगी आमेर के जगन्नाथ कच्छवाह, सांभर के लूणकरण तथा आसफ खां थे। मानसिंह की सेना के पृष्ठ भाग पर मेहत्तर खाँ था।
- दोनों सेनाओं के मध्य 18 जून, 1576 ई. को हल्दीघाटी (राजसमंद) नामक स्थान पर भयंकर युद्ध हुआ। राजपूतों ने मुगल सेना पर तीव्र प्रहार किया, जिससे मुगल सैनिक भागने लगे। इसी समय मिहत्तर खाँ ने झूठी अफवाह फैला दी की ’बादशाह अकबर स्वयं शाही सेना लेकर आ रहे है।’
- महाराणा प्रताप ने मानसिंह पर हमला किया और चेतक ने अपने पैर मरदाना हाथी के सिर पर लगा दिए। तब प्रताप ने अपने भाले से मानसिंह पर जोरदार वार किया, मानसिंह होदे में छिप गया और बच गया। परन्तु हाथी की सूंड से बंधे जहरीले खंजर से चेतक का पैर जख्मी हो गया। इसी दौरान प्रताप भी घायल हो गये। इसी समय प्रताप का राज्य चिह्न मुकुट झाला बीदा ने धारण किया और सेना का नेतृृत्व किया।
- महाराणा प्रताप के हाथी रामप्रसाद और लूणा थे और घोड़ा चेतक था।
- मानसिंह का हाथी मरदाना था। अन्य मुगल हाथी गजराज, गजमुक्त, हवाई थे।
- यह युद्ध अनिर्णायक था।
1. हल्दीघाटी के युद्ध को गोगुन्दा का युद्ध किसने कहा?
उत्तर – बदायूँनी ने इस युद्ध को ’गोगुन्दा का युद्ध’ कहा।
2 . हल्दीघाटी के युद्ध को खमनौर का युद्ध किसने कहा?
उत्तर – अबुल फजल ने इसे अपनी पुस्तक ’अकबरनामा’ में इसे ’खमनौर का युद्ध’ कहा है।
3. हल्दीघाटी के युद्ध को मेवाड़ की थर्मोपली किसने कहा?
उत्तर – कर्नल जेम्स टाॅड ने इसे ’मेवाड़ की थर्मोपली’ कहा है।
4. हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ?
उत्तर – हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून, 1576 ई. में हुआ। गोपीनाथ शर्मा के अनुसार इस युद्ध को समय 21 जून, 1576 ई. माना गया है।