कच्छीघोड़ी नृत्य कहाँ का प्रसिद्ध है ?

कच्छीघोड़ी नृत्य कहाँ का प्रसिद्ध है ?

उत्तर – कच्छीघोड़ी नृत्य शेखावाटी क्षेत्र का प्रसिद्ध है। यह नृत्य शेखावाटी के साथ ही कुचामन, परबतसर व डीडवाना आदि क्षेत्रों में भी किया जाता है।

  • यह एक व्यावसायिक नृत्य है।
  • यह नृत्य वीर रस प्रधान है।
  • यह पुरूष प्रधान नृत्य है।
  • यह नृत्य विवाह के अवसर पर केवल पुरूषों के द्वारा किया जाता है। महिलाएँ वैवाहिक गीत गाती है।
  • इस नृत्य में ढोल, थाली, झांझ व बाकियाँ वाद्ययंत्रों का प्रयोग किया जाता है।
  • इसके कलाकार वीरोचित वेशभूषा धारण करके हाथ में लकड़ी की तलवार लेकर बाँस की खपच्चियों या काठ की बनी घोड़ी पर सवार होकर चार-चार व्यक्ति लयबद्ध तरीके से इस प्रकार आगे-पीछे बढ़ते है, जिससे फूल की पंखुड़ियों के खुलने व बंद होने का आभास होता है।
  • इसके प्रसिद्ध कलाकार छवरलाल गहलोत व गोविन्द पारीक है।
  • इसमें लसकरिया, रसाला, बींद और रंगमारिया गीत गाये जाते है।
  • इसमें नृत्यकार अपनी कमर पर बांस की घोड़ी बांधते है, जिसे ’चितलाई’ कहा जाता है।

 

Leave a Comment