कैला देवी का मंदिर करौली में है ये यादव वंश की कुल देवी/करौली राजवंश की कुलदेवी हैं। त्रिकुट पर्वत की घाटी में इनका भव्य मंदिर बना है। यहाँ चैत्र शुक्ल अष्टमी को लक्खी मेला भरता है। कैला देवी की आराधना में हनुमान जी को लंगूर मान कर लांगुरिया गीत गाया जाता है।यह राजस्थान का एक ऐसा दुर्गा माता (आठ भुजाओं में शस्त्र लिये, सिंह पर सवार) मंदिर है जहाँ बलि देने की परम्परा नहीं है। केदारगिरी नामक साधु ने 1114 ई. में यहाँ कैला देवी की मूर्ति स्थापित की थी। इस मंदिर का निर्माण 1900 ई. में करौली महाराजा गोपाल सिंह ने करवाया था।
कैला देवी का मंदिर कहाँ है
- यह मूलतः अंजना माता का मंदिर है।
- इन्होंने ‘नरकासुर राक्षस’ का वध किया था।
- कालीसिल नदी – यहाँ स्थित इस नदी में स्नान करना पवित्र माना जाता है।
- कैलादेवी मंदिर के सामने बोहराजी की छतरी है।
- यहाँ पर हनुमान जी का मंदिर भी बना है।
- लांगुरिया गीत – कैला देवी की आराधना में हनुमान जी को लंगूर मान कर लांगुरिया गीत गाया जाता है।
- जोगनिया नृत्य – लांगुरिया गीत गाते हुये किया जाता है।
- अग्रवाल जाति – हनुमान जी अग्रवाल जाति के कुलदेवता हैं। इसलिए उनकी माँ अंजना भी अग्रवाल जाति की आराध्य देवी हैं।