कन्यावध प्रथा क्या थी?
उत्तर – कन्या वध प्रथा में राजपूत जाति में लड़की के जन्म होने पर भुखा रख कर या अफीम खिला कर या गला घोंट कर मार दिया जाता था ।
राजस्थान में सर्वप्रथम कन्या वध पर रोक कोटा रियासत में महाराव रामसिंह द्वितीय के समय अंग्रेज पॉलिटिकल एजेन्ट विलकिन्सन के प्रयासों से 1833 में लगाई गई।
- बूँदी में कन्या वध पर 1834 में रोक लगाई गई।
- 1844 में जयपुर रियासत में रोक लगाई गई।
बीकानेर के बीदावतों, मारवाड़ के राठौड़ों, जयपुर के कच्छवाहों और जैसलमेर के भाटियों की कुछ खांपों में कन्यावध के प्रचलन का वर्णन मिलता है। अंग्रेज अधिकारियों ने जहाजपुर के परिहार मीणों में, मेरों, में, भरतपुर के जाटों और मेवातियों में भी इस प्रथा के प्रचलन का वर्णन किया है। राजस्थान में सबसे पहले कैप्टन हॉल ने मेरवाड़ा के मेर लोगो की पंचायत में कन्या वध प्रथा बंद करवाया।