’लोकगीत जनता की भाषा है, लोकगीत हमारी संस्कृति के पहरेदार है।’’ – यह पंक्तियों किसके द्वारा कही गयी ?

’लोकगीत जनता की भाषा है, लोकगीत हमारी संस्कृति के पहरेदार है।’’ – यह पंक्तियों किसके द्वारा कही गयी ? यह पंक्तियाँ महात्मा गांधी द्वारा कही गयी। लोक-संगीत का मूल आधार लोकगीत है। राजस्थान में लोकगीतों को विभिन्न अवसरों पर सामूहिक रूप से गाया जाता रहा है।

राजस्थान में बाघ परियोजना कब शुरू हुई थी?

राजस्थान में बाघ परियोजना कब शुरू हुई थी? राजस्थान में बाघ परियोजना की शुरुआत 1973-74 में हुई थी। राजस्थान की पहली बाघ परियोजना रणथम्भौर(सवाईमाधोपुर) टाईगर प्रोजेक्ट है। यह परियोजना पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शुरू की गयी। वर्तमान में राजस्थान में तीन बाघ परियोजनाये संचालित है।

सोरठा छंद में गद्य-पद्य किस राजस्थानी शैली में लिखे गये ?

सोरठा छंद में गद्य-पद्य किस राजस्थानी शैली में लिखे गये ? सोरठा छंद में गद्य-पद्य ’वात’ राजस्थानी शैली में लिखे गये। कलात्मक गद्य के ’सिलोका’ और ’वर्णक’ रूपों से अधिक राजस्थानी ’वात’ साहित्य रूप का महत्त्व है। ऐतिहासिक, अर्द्ध-ऐतिहासिक, पौराणिक, काल्पनिक आदि कथानकों पर राजस्थानी का वात साहित्य संख्यातीत है। कहानी का पर्याय ’वात’ में … Read more

राजस्थान में लट्ठमार होली कहाँ खेली जाती है ?

राजस्थान में लट्ठमार होली कहाँ खेली जाती है ? राजस्थान में लट्ठमार होली श्री महावीर जी (बृज क्षेत्र करौली, भरतपुर, डीग) में खेली जाती है। यह होली राधा-कृष्ण के प्रेम से जुड़ी हुई है। इस दिन पुरुष द्वारा महिलाओं पर रंग बरसाया जाता है और महिलाएँ उन पर लाठियों से वार करती है और पुरूषों … Read more

जयपुर का प्रसिद्ध लोकनाट्य कौनसा है ?

जयपुर का प्रसिद्ध लोकनाट्य कौनसा है ? तमाशा जयपुर का प्रसिद्ध लोकनाट्य है। तमाशा लोकनाट्य की शुरूआत महाराजा सवाई प्रतापसिंह के समय हुई थी। इसके प्रवर्तक बंशीधर भट्ट थे। तमाशा खुले मंच पर होता है जिसे ’अखाड़ा’ कहते हैं, इसमें संगीत, नृत्य व गायन तीनों की प्रधानता होती है। वर्तमान में तमाशा के उस्ताद गोपीकृष्ण … Read more

सालासर हनुमान जी का मेला कहाँ लगता है ?

सालासर हनुमान जी का मेला कहाँ लगता है ? सालासर हनुमान जी का मेला राजस्थान के चुरू जिले में लगता है। सालासर बालाजी मंदिर में लक्खी मेला लगता है। यहाँ प्रत्येक वर्ष चैत्र पूर्णिमा और आश्विन पूर्णिमा को बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर में हनुमान जी की मूति गोल चेहरें के … Read more