गागरोन किला कहाँ पर स्थित है ?

गागरोन किला कहाँ पर स्थित है ? गागरोन का किला झालावाड़ में स्थित है। यह किला डोड परमारों बीजलदेव द्वारा 11 वीं सदी में निर्मित है। बीजलदेव से देवनसिंह खींची ने इसे छीना और इसका नाम ’गागरोन’ रखा। इसको गर्गराटपुर, डोडगढ़ और धूलरगढ़ आदि उपनामों से जाना जाता है। राजस्थान का एकमात्र दुर्ग है, जो … Read more

कौन-सी इमारत “झुंझुनू का हवामहल” के नाम से विख्यात है?

कौन-सी इमारत “झुंझुनू का हवामहल” के नाम से विख्यात है? खेतड़ी महल को “झुंझुनू का हवामहल” भी कहा जाता है। खेतड़ी के महाराजा भोपालसिंह (1735-1771 ई.) द्वारा अपने ग्रीष्मकालीन विश्राम हेतु झुंझुनूं में अनेक खिड़कियों व झरोखों से सुसज्जित बहुमंजिले खेतड़ी महल का निर्माण गया। इस महल में लखनऊ जैसी भूल-भूलैया एवं जयपुर के हवामहल … Read more

मेवाङ प्रजामण्डल – स्थापना, वर्ष , अध्यक्ष | TOP NOTES

मेवाङ प्रजामण्डल(Mewar Prajamandal): 24 अप्रैल, 1938 में मेवाङ प्रजामण्डल की स्थापना हुई। इस संस्था के प्रथम अध्यक्ष बलवंतसिंह मेहता और उपाध्यक्ष भूरेलाल बयां बनाये गये। नवम्बर, 1941 में मेवाङ प्रजामण्डल का प्रथम अधिवेशन ’माणिक्य लाल वर्मा’ के सभापतित्व में उदयपुर की शाहपुरा हवेली में हुआ। मेवाङ प्रजामण्डल – Mewar Prajamandal बिजौलिया सत्याग्रह और बेगूं किसान … Read more

राजस्थान खेलो यूथ गेम्स में कौन कौन भाग ले सकता है?

राजस्थान खेलो यूथ गेम्स में कौन कौन भाग ले सकता है? राजस्थान खेलो यूथ गेम्स में कोई भी भाग ले सकता है, जिस प्रकार ग्रामीण ओलम्पिक हुए थे। इसमें सभी आयु वर्ग के खिलाड़ी, लड़के – लड़कियां , महिला – पुरुष भाग ले सकते है । अबकी बार गेम्स भी खूब होंगे। ये भी पढ़ें: … Read more

राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम की स्थापना कब हुई थी ?

राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम की स्थापना कब हुई थी ? राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम की स्थापना 1 अक्टूबर 1964 को हुई थी। इसकी स्थापना सड़क परिवहन अधिनियम 1950 के तहत राजस्थान सरकार द्वारा 1 अक्टूबर 1964 में की गई थी। यह एक सार्वजनिक परिवहन कंपनी है, जो राजस्थान में बस सेवाएँ प्रदान करती … Read more

रामसागर वन्यजीव अभयारण्य कहाँ स्थित है ?

रामसागर वन्यजीव अभयारण्य कहाँ स्थित है ? रामसागर वन्यजीव अभयारण्य धौलपुर जिले में स्थित है। इसकी स्थापना 7 नवम्बर, 1955 में की गई। इसका कुल क्षेत्रफल 34.4 वर्ग किलोमीटर है। इसे वर्ष 1955 वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था। यहाँ पर अनेक वन्य जीव – सांभर, मोर, जंगली सूअर, नीलगाय चीतल और तीतर आदि देखने … Read more