डाॅ. ग्रियर्सन ने राजस्थानी बोलियों को कितने समूह में विभाजित किया ?

डाॅ. ग्रियर्सन ने राजस्थानी बोलियों को कितने समूह में विभाजित किया ? जाॅर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने राजस्थानी बोलियों को 5 समूह में विभाजित किया। 1. पश्चिमी राजस्थानी – मारवाड़ी, मेवाड़ी, ढ़टकी, बीकानेरी, बांगड़ी, शेखावाटी, देवड़ावाटी, गोड़वाड़ी, खैराड़ी। 2. दक्षिणी राजस्थानी – निमाड़ी 3. उत्तरी पूर्वी राजस्थानी – मेवाती, अहीरवाटी 4. मध्य पूर्वी राजस्थानी – ढूँढाड़ी, … Read more

नगाड़े के साथ रसिया गायन किस नृत्य से संबंधित है ?

नगाड़े के साथ रसिया गायन किस नृत्य से संबंधित है ? नगाड़े के साथ रसिया गायन ’बम नृत्य’ से संबंधित है। फाल्गुन माह में नयी फसल आने के उपलक्ष में नगाड़ा वाद्ययंत्र की धुन के साथ रसिया गीत गाते हुए पुरूष कलाकारों द्वारा गाँव की चौपाल पर किया जाता है। बम वाद्ययंत्र व रसिया गीत … Read more

कैलादेवी को किनका अवतार माना गया है ?

कैलादेवी को किनका अवतार माना गया है ? कैला देवी को आदि शक्ति महायोगिनी माया का अवतार माना जाता है। यह यादव वंश की कुलदेवी/करौली राजवंश की कुलदेवी है। यहाँ चैत्र शुक्ल अष्टमी को लक्खी मेला भरता है। त्रिकुट पर्वत की घाटी में इनका भव्य मंदिर बना है। कैलादेवी की आराधना में हनुमान जी को … Read more

हमेल आभूषण राजस्थानी महिलाओं द्वारा कहाँ पहना जाता है ?

हमेल आभूषण राजस्थानी महिलाओं द्वारा कहाँ पहना जाता है ? ’हमेल’ आभूषण राजस्थानी महिलाओं द्वारा गले में पहने जाने वाला आभूषण है। हमेल आभूषण सोने से बनाया जाने वाला हारनुमा आभूषण है। यह शेखावाटी में बहुत लोकप्रिय है। यह छाती का बड़ा विचित्र एवं भारी-भरकम आभूषण होता है। इसके एकदम बीच में जड़ाउदार एक गोल … Read more

महिला संत दयाबाई किसकी शिष्या थी ?

महिला संत दयाबाई किसकी शिष्या थी ? महिला संत दयाबाई संत चरणदास जी की शिष्या थी। दयाबाई की प्रमुख रचनाएँ ’दया बोध’ और ’विनय मालिका’ है। दयाबाई और उनकी बहन सहजोबाई दोनों संत चरणदास जी को अपना गुरु मानती थी। इनका जन्म मेवात के डेहरा नामक गाँव में हुआ। दया बाई ने सर्वस्व समर्पण वैराग्य … Read more

महाराणा प्रताप ने राजा के रूप में राजगद्दी कब संभाली ?

महाराणा प्रताप ने राजा के रूप में राजगद्दी कब संभाली ? महाराणा प्रताप ने राजा के रूप में 28 फरवरी 1572 को राजगद्दी संभाली। सलूंबर के रावत कृष्णदास व देवगढ़ के रावत सांगा ने प्रमुख सामन्तों की सहमति से जगमाल को हटाकर 28 फरवरी 1572 को ही गोगुंदा में ’प्रताप का राज्याभिषेक’ कर दिया। महाराणा … Read more