राजस्थान के प्रमुख युद्ध कौनसे थे?

इस आर्टिकल में राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक युद्धों(Rajasthan ke pramukh yudh) की जानकारी प्रदान की गई है. इस टॉपिक(राजस्थान के प्रमुख युद्ध) पर चर्चा की गई है.

राजस्थान के प्रमुख युद्ध – Rajasthan ke pramukh yudh

युद्ध सन् विवरण
1. तराइन का प्रथम युद्ध (करनाल) 1191 ई. पृथ्वीराज चौहान व मुहम्मद गौरी के मध्य, मुहम्मद गौरी की पराजय।
2. तराइन का द्वितीय युद्ध (करनाल) 1192 ई. पृथ्वीराज चौहान व मुहम्मद गौरी के मध्य, पृथ्वीराज चौहान की पराजय।
3. अलेखगढ़ का युद्ध 1274 ई. बूँदी के शासक समरसिंह के पुत्र जैतसिंह ने कोटिया भील को परास्त कर कोटा जीत लिया।
4. रणथम्भौर का युद्ध (सवाई माधोपुर) 1291 ई. हम्मीर व जलालुद्दीन खिलजी के मध्य, अलाउद्दीन खिलजी की विजय हुई।
5. तेरह वर्षीय युद्ध 1291 ई. से 1311 ई. कान्हड़देव व अलाउद्दीन खिलजी के मध्य, अलाउद्दीन खिलजी की विजय हुई।
6. रणथम्भौर का युद्ध (सवाई माधोपुर) 11 जुलाई 1301 ई. हम्मीर व अलाउद्दीन खिलजी के मध्य, अलाउद्दीन खिलजी विजयी रहा।
7. चित्तौड़ का युद्ध (चित्तौड़गढ़) 1303 ई. मेवाड़ के राणा रतनसिंह व अलाउद्दीन खिलजी के मध्य, अलाउद्दीन खिलजी विजयी रहा।
8. जालौर का युद्ध (जालौर) 1311-12 ई. अलाउद्दीन खिलजी व जालौर के राजा कान्हड़देव के मध्य, अलाउद्दीन खिलजी विजयी रहा।
9. सिवाना का युद्ध (बाड़मेर) 1308 ई. अलाउद्दीन खिलजी व सावलदेव चौहान के मध्य, अलाउद्दीन खिलजी विजयी रहा एवं सिवाना दुर्ग पर अधिकार किया।
10. सारंगपुर का युद्ध (मध्यप्रदेश) 1437 ई. महाराणा कुम्भा व महमूद खिलजी प्रथम के बीच, कुम्भा विजयी हुआ तथा इसकी विजय के उपलक्ष्य में विजय स्तम्भ का निर्माण करवाया।
11. खातौली का युद्ध (बूँदी) 1517-18 ई. महाराणा सांगा ने इब्राहीम लोदी को परास्त किया।
12. गागरोन का युद्ध (झालावाड़) 1519 ई. महाराणा सांगा ने मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी को पराजित कर बन्दी बनाया।
13. बाड़ी का युद्ध (धौलपुर) 1519 ई. राणा सांगा व इब्राहीम लोदी की सेना के मध्य यह युद्ध हुआ। युद्ध में राणा सांगा की विजय हुई।
14. बयाना का युद्ध 16 फरवरी, 1527 ई. राणा सांगा ने बाबर की सेना को हराकर बयाना का किला जीता।
15. खानवा का युद्ध (भरतपुर) 17 मार्च, 1527 ई. मुगल सम्राट बाबर ने राणा सांगा को पराजित किया।
16. चित्तौड़ का दूसरा युद्ध मार्च, 1534 ई. मेवाड़ के विक्रमादित्य व गुजरात के शासक बहादुरशाह के मध्य हुआ। युद्ध में बहादुरशाह विजयी हुआ।
17. पाहेबा का युद्ध (फलौदी, जोधपुर) 1541 ई. राव जैतसी व मालदेव के मध्य यह युद्ध हुआ। युद्ध में मालदेव की विजय हुई।
18. गिरी-सुमेल का युद्ध (पाली) 5 जनवरी, 1544 ई. मारवाड़ शासक मालदेव व शेरशाह के मध्य युद्ध हुआ। युद्ध में शेरशाह विजयी रहा।
19. बिलग्राम का युद्ध 1540 ई. शेरशाह सूरी व हुमायूँ के मध्य युद्ध हुआ। युद्ध में हुमायूँ की हार हुई।
20. हरमाड़ा का युद्ध (जोधपुर) 24 जनवरी, 1557 ई. मालदेव व मेवाड़ के राणा उदयसिंह की सेनाओं के बीच युद्ध हुआ। युद्ध में मालदेव की विजय हुई।
21. रायसीन का युद्ध 1543 ई. चौहान पूरणमल व शेरशाह के मध्य हुआ। शेरशाह ने पूरणमल को धोखे से हराया।
22. हल्दीघाटी का युद्ध (राजसमन्द) 18 जून, 1576 ई. महाराणा प्रताप व मुगल प्रशासक मानसिंह (अकबर) के मध्य हुआ। युद्ध में अकबर की सेनाएँ विजयी हुई।
23. चित्तौड़ का युद्ध 25 फरवरी, 1568 ई. उदयसिंह व अकबर के मध्य हुआ। युद्ध में अकबर की विजय हुई।
24. कुम्भलगढ़ का युद्ध (राजसमन्द) 1578 ई. राणा प्रताप व मुगल सेनापति शाहबाज खाँ के मध्य युद्ध हुआ। युद्ध के बाद कुम्भलगढ़ दुर्ग पर मुगलों का अधिकार हो गया।
25. दिवेर का युद्ध (राजसमन्द) 1582 ई. महाराणा प्रताप द्वारा शाही ठिकानों पर आक्रमण किया गया। युद्ध में महाराणा प्रताप की निर्णायक जीत हुई।
26. मेवाड़ का युद्ध 1614 ई. खुर्रम व अमरसिंह के मध्य हुआ। अमरसिंह ने संधि कर अधीनता स्वीकार कर ली।
27. मतीरे की राड़ (युद्ध) 1644 ई. यह युद्ध मतीरे की बेल के लिए अमरसिंह राठौड़ (नागौर) व राजा कर्णसिंह (बीकानेर) के मध्य हुआ। युद्ध में अमरसिंह की विजय हुई।
28. धरमत का युद्ध (उज्जैन, मध्यप्रदेश) 1657 ई. यह युद्ध शाहजहाँ के पुत्र औरंगजेब व दारा शिकोह के मध्य हुआ। युद्ध में औरंगजेब की विजय हुई।
29. दौराई का युद्ध (अजमेर) 11 से 15 मार्च 1659 ई. औरंगजेब व दारा शिकोह के मध्य हुआ। युद्ध में औरंगजेब की विजय हुई।
30. खजुआ का युद्ध 1659 ई. जसवन्त सिंह द्वारा शाही शिविर को लूटा गया।
31. तीस वर्षीय युद्ध 1678 ई.-1707 ई. मारवाड़ के अजीतसिंह (दुर्गादास) व औरंगजेब के मध्य हुआ। युद्ध में अजीतसिंह की विजय हुई।
32. पीलसूद का युद्ध (भीलवाड़ा) मई, 1715 ई. सवाई जयसिंह व मराठों के मध्य हुआ। युद्ध में जयसिंह की विजय हुई।
33. मंदसौर का युद्ध (मध्यप्रदेश) 1732 ई. सवाई जयसिंह व मराठों के मध्य हुआ। युद्ध में मराठों की विजय हुई।
34. मुकन्दरा का युद्ध/रामपुरा का युद्ध 1735 ई. सवाई जयसिंह व मराठों के बीच हुआ। युद्ध में मराठों की विजय हुई।
35. गंगवाणा का युद्ध 1741 ई. जोधपुर व जयपुर के मध्य लड़ा गया।
36. बिचोड़ का युद्ध 1745 ई. बूँदी नरेश उम्मेदसिंह ने जयपुर की सेना को हराया।
37. राजमहल का युद्ध (टोंक) 1747 ई. जयपुर नरेश सवाई ईश्वरीसिंह ने अपने भाई माधोसिंह, मराठा व कोटा को संयुक्त सेना को हराया।
38. बगरू का युद्ध (जयपुर) 1748 ई. युद्ध में माधवसिंह विजय हुआ। उम्मेदसिंह बूँदी का शासक बना।
39. पीपाड़ का युद्ध (जोधपुर) 1750 ई. रामसिंह ने बख्तसिंह को युद्ध में हराया।
40. गंगारड़ा का युद्ध 1754 ई. जयअप्पा सिंधिया ने बीकानेर शासक गजसिंह, जोधपुर के विजयसिंह व किशनगढ़ के बहादुर सिंह को हराया।
41. मेड़ता का युद्ध (नागौर) 1754 ई. मराठा व विजयसिंह राठौड़ के मध्य हुआ। युद्ध में मराठों की विजय हुई।
42. कामां युद्ध (भरतपुर) 1768 ई. माधोसिंह ने जवाहरसिंह को हराया।
43. मानपुरा का युद्ध 1768 ई. ईश्वरसिंह ने अहमदशाह अब्दाली को हराया।
44. माउण्ट आबू का युद्ध 1178 ई. अन्हिलपाटन के राजा मूलराज-द्वितीय ने मुहम्मद गौरी को हराया।
45. तुंगा का युद्ध (दौसा) 27 जुलाई, 1787 ई. जयपुर का शासक प्रतापसिंह व मराठों के मध्य (माधव राव सिंधिया) यह युद्ध हुआ। युद्ध में प्रतापसिंह की विजय हुई।
46. कन्धार का युद्ध 19 जून,1720 ई. भीमसिंह की शक्तिशाली सेना व निजाम उल मुल्क के मध्य लड़ा गया।
47. पाटन का युद्ध (झालावाड़) 1790 ई. सिंधिया की सेना ने जयपुर व जोधपुर को हराया।
48. लस्करी का युद्ध (भरतपुर) 1803 ई. दौलतराव सिंधिया व लार्ड लैक के मध्य हुआ। युद्ध में लार्ड लैक की विजय हुई।
49. गींगोली का युद्ध (परबतसर-नागौर) 12 मार्च, 1807 ई. जयपुर व जोधपुर की सेना के मध्य हुआ। युद्ध में जयपुर की सेना विजयी हुई।
50. मांगरोल का युद्ध (बारां) 1821 ई. महाराव किशोरसिंह व जालिमसिंह के मध्य युद्ध हुआ। युद्ध में किशोरसिंह पराजित होकर नाथद्वारा चला गया।
51. बिथौरा/बिठुड़ा का युद्ध (पाली) 8 सितम्बर, 1857 ई. कुशालसिंह के नेतृत्व में क्रान्तिकारियों ने कैप्टन, हिथकोट तथा जोधपुर राज्य की संयुक्त सेना को हराया।
52. चेलावास/काला गौरा का युद्ध (पाली) 18 सितम्बर 1857 ई. कुशालसिंह के नेतृत्व में क्रान्तिकारियों ने अंग्रेजों व जोधपुर की सेना को हराकर पॉलिटिकल एजेन्ट मोक मेन्सन की हत्या कर दी।

राजस्थान के प्रमुख संत सम्प्रदाय

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