राजस्थान एम सैंड नीति 2024 – RAJASTHAN M-SAND POLICY 2024
- बजरी की कमी दूर करना और पर्यावरण संरक्षण को बढावा।
- नदी की रेत के उपयोग निर्भरता कम करके नदी के पारिस्थितिकी सिस्टम के नुकसान को कम करना।
- नदी की रेत के लिए बेहतर विकल्प प्रदान करना।
- मौजूदा एम सैंड उत्पादन को हर साल 20% बढ़ाना,
- एम सैंड उत्पादन 2028-29 तक 30 मिलियन टन प्रति वर्ष का लक्ष्य रखना।
- टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल खनन प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए खनन क्षेत्रों में मौजूदा ओवरबर्डन का उपयोग करना।
- राज्य में भवन/कंक्रीट संरचनाओं के निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट में मोटे और बारीक समुच्चयों के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना।
- एम सैंड उद्योग को बढ़ावा देना।
- स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर विकसित करना।
राजस्थान एम सैंड नीति 2024 की विशेषताएँ
- एम-रेत के निर्माण में ओवरबर्डन डंप के उपयोग के लिए जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट फंड में योगदान से छूट दी गई है।
- एम-सैंड इकाइयों की स्थापना के लिए सरकारी भूमि पर पड़े ओवरबर्डन डंप के भूखंडों को चिन्हित कर नीलामी के माध्यम से आवंटित किया जाएगा।
- निवेश सब्सिडी: 10 वर्षों के लिए देय और जमा किए गए राज्य कर का 75%
- रोजगार सृजन सब्सिडी: ईपीएफ और ईएसआई के लिए नियोक्ता के अंशदान का 50% 7 वर्षों के लिए प्रतिपूर्ति
- स्टांप ड्यूटी छूट: 75% स्टांप ड्यूटी के भुगतान से छूट और 25% स्टांप ड्यूटी की प्रतिपूर्ति।
- बिजली शुल्क छूट: 7 वर्षों के लिए बिजली शुल्क में 100% छूट।
- रूपांतरण शुल्क: 75% रूपांतरण शुल्क के भुगतान से छूट और 25% रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति।
- एम-सैंड इकाइयों की स्थापना के लिए प्रति वर्ष प्रति जिले में अधिकतम भूखंडों का आरक्षण 2 से बढ़ाकर 5% किया जाएगा।
राजस्थान खनिज नीति 2024 में क्या खास है?