चम्पारण सत्याग्रह कब हुआ (Short Note on Champaran Satyagraha)?
Short Note on Champaran Satyagraha
- महात्मा गाँधी (About Mahatma Gandhi in Hindi) ने भारत में सबसे पहला एवं महत्त्वपूर्ण सत्याग्रह बिहार के चम्पारण क्षेत्र में किया।
- चम्पारण में यूरोपीय नील उत्पादकों द्वारा स्थानीय किसानों का अंतहीन शोषण किया जा रहा था।
- राजकुमार शुक्ल द्वारा कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन (1917) में गाँधीजी को चम्पारण के नील किसानों की समस्याओं से अवगत कराया गया एवं उन्हें एक बार उनकी समस्याओं को सुनने हेतु वहाँ भ्रमण करने का आग्रह किया।
- महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi Essay in Hindi) कुछ समय बाद जाँच हेतु चम्पारण क्षेत्र में गये परन्तु चम्पारण के जिलाधिकारी ने उन्हें अतिशीघ्र वहाँ से वापस चले जाने का आदेश दिया। गाँधीजी ने इस आदेश को मानने से इन्कार कर दिया।
- अन्ततः बिहार सरकार के प्रयासों से उन्हें वहाँ जाँच करने की अनुमति मिल गई।
- गाँधीजी (Gandhiji Thoughts in Hindi) ने जुलाई, 1917 में एक खुली जाँच बैठाई एवं चम्पारण के किसानों की शिकायतों को सारे देश के सम्मुख प्रस्तुत किया।
- अंततः अँग्रेज सरकार ने श्वेत नील प्लांटरों द्वारा किसानों पर की जा रही ज्यादतियों की शिकायत को स्वीकार कर लिया फलतः चम्पारण में ’तीनकठिया पद्धति’ को समाप्त कर दिया गया।
- चम्पारण सत्याग्रह में गांधी का साथ देने वाले नेता – राजेन्द्र प्रसाद, मजहरूल हक, जे.बी. कृपलानी, महादेव देसाई, अनुग्रह नारायण सिंह एवं श्रीकृष्ण सिंह।
- चंपारण सत्याग्रह के दौरान गांधी जी को रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा ’महात्मा’ (Mahatma) की उपाधि दी गयी।
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