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सोरठा छंद में गद्य-पद्य किस राजस्थानी शैली में लिखे गये ?
- सोरठा छंद में गद्य-पद्य ’वात’ राजस्थानी शैली में लिखे गये।
- कलात्मक गद्य के ’सिलोका’ और ’वर्णक’ रूपों से अधिक राजस्थानी ’वात’ साहित्य रूप का महत्त्व है।
- ऐतिहासिक, अर्द्ध-ऐतिहासिक, पौराणिक, काल्पनिक आदि कथानकों पर राजस्थानी का वात साहित्य संख्यातीत है।
- कहानी का पर्याय ’वात’ में कहने और सुनने की विशेष प्रणाली है। कथा कहने वाला बात कहता चलता है और सुनने वाला हुँकारा देता रहता है।
- शैली की वैयक्तिकता राजस्थानी वातों की अपनी विशेषता है। गद्यमय, पद्यमय तथा गद्य-पद्यमय तीनों रूपों में ’वातें’ मिलती है।