राजस्थान लोक सेवा आयोग – RPSC | गठन,कार्य और महत्त्वपूर्ण अनुच्छेद(315-323)

राजस्थान लोक सेवा आयोग(Rajasthan Public Service Commission): राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना 20 अगस्त 1949 को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315-323 के अंतर्गत की गई। सर्वप्रथम इसकी स्थापना 16 अगस्त 1949 को जयपुर में की गई। राजस्थान लोक सेवा आयोग(RPSC ) दिनांक 22 दिसम्बर, 1949 को अस्तित्व में आया था।1956 में सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर इसका मुख्यालय अजमेर स्थानांतरित कर दिया गया।

Table of Contents

राजस्थान लोक सेवा आयोग(RPSC)

आज के आर्टिकल में हम राजस्थान लोक सेवा आयोग(Rajasthan Public Service Commission) के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करने वाले है। हम RPSC के गठन,कार्य और महत्त्वपूर्ण अनुच्छेदों के बारे में भी पढेंगे। राजस्थान लोक सेवा आयोग(RPSC) के बारे में हम अच्छे से समझने वाले है। इस आर्टिकल को पूरा पढने के बाद आपको यह टॉपिक अच्छे से कवर हो जाएगा,ऐसी हम आशा करेंगे।

  • राजस्‍थान लोक सेवा आयोग सेवा की शर्तें नियम, 1951
  • राजस्‍थान लोक सेवा आयोग कार्यों की सीमा नियम, 1951

भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत प्रान्तों में लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान किया गया। राजस्थान राज्य के गठन के समय कुल 22 प्रांतों में से मात्र 3 रियासतों में ही लोकसेवा आयोग कार्यरत थे।

  • जोधपुर (1939),
  • जयपुर(1940)
  • बीकानेर (1946)

Note: इन रियासतों को क्रमवाईज  याद रखें।

ट्रिक :  जो जय बोले।

राजस्थान लोक सेवा आयोग का इतिहास(Rajasthan Lok Seva Aayog)

अगर हम राजस्थान लोक सेवा आयोग(RPSC) का इतिहास की बात करें तो रियासतों के एकीकरण के समय  गठित राजस्थान राज्य के तत्कालीन राजप्रमुख मानसिंह – II ने 16 अगस्त, 1949 को एक अध्यादेश के अधीन राजस्थान लोक सेवा आयोग(Rajasthan Lok Seva Aayog) की स्थापना की। इसका नोटिफिकेशन राजस्थान के राजपत्र में 20 अगस्त 1949 को हुआ।

इस अध्यादेश में बिंदु संख्या (1) के तीसरे पद में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग में जिस तिथि को नियुक्त किये जाने की अधिसूचना राजस्थान राज – पत्र में प्रकाशित की जाएगी तब से आयोग प्रभाव में माना जाएगा।

तत्पश्चात नियुक्ति सम्बंधित अधिसूचना राजस्थान राजपत्र में दिनांक 22 दिसंबर, 1949 में प्रकाशित हुई। इसी दिन से राजस्थान लोक सेवा आयोग प्रभाव में आया। राजस्थान लोक सेवा आयोग शुरूआती चरण में एक अध्यक्ष एस. के. घोष एवं दो सदस्य श्री देवीशंकर तिवारी एवं श्री एन. आर. चन्दोरकर थे ।

  • राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना हेतु 16 अगस्त 1949 को अध्यादेश जारी किया गया।
  • राजस्थान लोक सेवा आयोग अध्यादेश 1949 के द्वारा यह आयोग 20 अगस्त 1949 को प्रभाव में आया।
  • राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति की अधिसूचना 22 दिसम्बर 1949 को जारी होने के बाद यह आयोग विधिवत रूप से अस्तित्व में आया।
  •  राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने 22 अगस्त 1949 से कार्य प्रारंभ किया।
स्थापना के समय राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने जयपुर में कार्य करना प्रारम्भ किया था। वर्तमान में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का मुख्यालय अजमेर में स्थित है।

नोट : सत्यनारायण राव समिति(1 नवम्बर 1956 ) की सिफारिश पर 21.08.1958 को राजस्थान लोकसेवा आयोग का हस्तानान्तरण जयपुर से अजमेर किया गया।

राजस्थान लोक सेवा आयोग से सम्बन्धित प्रमुख अनुच्छेद

अनुच्छेद 315 (1) संघ व राज्य क्षेत्र के लिए लोक सेवा आयोग का प्रावधान किया गया।
अनुच्छेद 315 (2) दो या दो से अधिक राज्यों के लिए संयुक्त लोक सेवा आयोग का प्रावधान किया गया है।
अनुच्छेद 316 लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति एवं कार्यकाल
अनुच्छेद 317 लोक सेवा आयोग के सदस्यों की बर्खास्तगी एवं निलम्बन
अनुच्छेद 318 लोक सेवा आयोग के कर्मचारियों व सदस्यों की सेवा शर्तों के नियमन की शक्ति
अनुच्छेद 319 आयोग के किसी सदस्य द्वारा सदस्य न रहने पर उस पर प्रतिबंध
अनुच्छेद 320 लोक सेवा आयोग के कर्त्तव्य
अनुच्छेद 321 लोक सेवा आयोग के कर्त्तव्यों में वृद्धि
अनुच्छेद 322 लोक सेवा आयोग का व्यय
अनुच्छेद 323 लोक सेवा आयोग की रिपोर्ट/प्रतिवेदन

राजस्थान लोक सेवा आयोग की संरचना

  • राजस्थान लोक सेवा आयोग(Rajasthan Lok Seva Aayog) एक संवैधानिक संस्था है, जिसका उल्लेख संविधान के भाग 14 में अनुच्छेद 315 से 323 तक है।
  • अनुच्छेद 315 (1) – ’संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोग का गठन किया जाता है।
  • अनुच्छेद 315 (2) – संयुक्त लोक सेवा आयोग का गठन (दो या दो से अधिक राज्यों के लिए विधानमण्डल के प्रस्ताव द्वारा संसद संयुक्त लोक सेवा आयोग का गठन करती है।)
  • अनुच्छेद 316 (1) – राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की सलाह पर की जाती है।
  • राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष या 62 वर्ष जो पहले पूर्ण हो।
  • इस आयोग का कार्यालय अजमेर में है।
  • राज्य लोक सेवा आयोग (RPSC) का मुख्य उद्देश्य ’’भर्ती परीक्षाओं का आयोजन करवाना है तथा कर्मचारियों और अधिकारियों को विभिन्न विभागों में भर्ती करना।’’
राजस्थान लोक सेवा आयोग की संरचना
राजस्थान लोक सेवा आयोग की संरचना
  • 27 जून 2011 को सदस्यों की संख्या पाँच से बढाकर सात कर दी गयी। वर्तमान में राजस्थान लोक सेवा आयोग में एक अध्यक्ष एवं 7 सदस्य हैं।
  • भारतीय प्रशासनिक सेवा(IAS) के अधिकारी को आयोग सचिवालय में सचिव के पद पर नियुक्त किया जाता है। सचिव द्वारा समस्त प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्यों का निष्पादन किया जाता है।
  • राजस्थान लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष एस. के. घोष तथा प्रारंभिक दो सदस्य डी.एस. तिवारी और एन.आर. चंदोरकर थे।
  • लोक सेवा आयोग के प्रथम सचिव एस.एस. शर्मा थे।

राजस्थान लोक सेवा आयोग में सदस्य संख्या

  • राजस्थान लोक सेवा आयोग(Rajasthan Lok Seva Aayog) की स्थापना के समय इसका एक अध्यक्ष व 2 सदस्य थे।
  • राज्य लोक सेवा आयोग(RPSC) सदस्यों की संख्या का निर्धारण राज्यपाल करता है।
  • लोक सेवा आयोग में कम से कम आधे सदस्य संघ व राज्य की लोक सेवाओं से होने चाहिए जिन्हें 10 वर्ष का प्रशासनिक अनुभव हो व अन्य आधे सदस्य शिक्षाविद्, समाज सेवक, राजनेता, वकील हो सकते हैं।

आवश्यकता के अनुसार आयोग में सदस्य संख्या बदलती रही है, जो निम्न हैं –

वर्ष अध्यक्ष/सदस्य
20 अगस्त 1949 एक अध्यक्ष एवं 2 सदस्य
1962 एक अध्यक्ष एवं 3 सदस्य
1965 एक अध्यक्ष एवं 4 सदस्य
1985 एक अध्यक्ष एवं 5 सदस्य
27.06.2011 एक अध्यक्ष एवं 7 सदस्य

लेकिन 2011 के बाद से अब तक इसके एक अध्यक्ष एवं 7 सदस्य कार्यरत है।

RPSC के सदस्यों की संख्या में वृद्धि की शक्ति राज्यपाल के पास निहित है ,अर्थात् ‘राजस्थान लोक सेवा आयोग विनियम 1974’ के तहत राज्यपाल राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या में वृद्धि कर सकता है।

राजस्थान लोक सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष व सदस्य

वर्तमान में राजस्थान लोक सेवा आयोग(Rajasthan Lok Seva Aayog) में अध्यक्ष सहित कुल 8 सदस्य है।

  • अध्यक्ष – 1 अध्यक्ष
  •  सदस्य – 7 सदस्य

वर्तमान में RPSC में निम्नलिखित सदस्य है –

RPSC सदस्य
पद का नाम नाम पद ग्रहण सेवानिवृत्ति
अध्यक्ष श्री कैलाश चंद मीणा 06/08/2024 08/07/2026
सदस्य डॉ. संगीता आर्य 14/10/2020 13/10/2026
सदस्य श्री बाबू लाल कटारा (निलंबित) 15/10/2020 14/10/2026
सदस्य डॉ. मंजू शर्मा 15/10/2020 14/10/2026
सदस्य लेफ्टिनेंट कर्नल केसरी सिंह राठौड़ 09/10/2023 08/10/2029
सदस्य श्री कैलाश चंद मीना 06/08/2024 08/07/2026
सदस्य प्रो. अय्यूब खान 09/10/2023 30/06/2029
सचिव श्री राम निवास मेहता (IAS) 25/07/2023 31/07/2026

राजस्थान लोक सेवा आयोग –  संवैधानिक संस्था

राजस्थान लोक सेवा आयोग(RPSC) यह एक संवैधानिक संस्था है जिसका उल्लेख संविधान के भाग-14 में किया गया है। भाग – 14 में अनुच्छेद 315 से 323 तक राज्य लोकसेवा आयोग की संरचना, कार्यकाल, सेवा शर्ते और शक्तियों के बारे में जानकारी दी गयी है। राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है । लेकिन उनको राष्ट्रपति द्वारा हटाया जाता है। आरपीएससी के सदस्यों की संख्या निर्धारित नहीं है,यह समयानुसार बदलती रहती है।

प्रमुख अनुच्छेद (315-323)

भाग – 14 में अनुच्छेद 315 से 323 तक राज्य लोकसेवा आयोग(Rajasthan Lok Seva Aayog) की संरचना, कार्यकाल, सेवा शर्ते और शक्तियों के बारे में जानकारी दी गयी है।

अनुच्छेद 315: संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग

अनुच्छेद 315 (1)- राज्य लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान
राज्यपाल द्वारा प्रत्येक राज्य में एक लोकसेवा आयोग का गठन किया जायेगा । इस सम्बन्ध में नियम बनाने की शक्ति विधान मण्डल के पास होगी ।
अनुच्छेद 315 (2) – संयुक्त लोक सेवा आयोग का प्रावधान
दो या दो से अधिक राज्यों द्वारा उनके विधानमण्डल में इस आशय का संकल्प पारित करती है कि उन राज्यों के लिए एक संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग का गठन किया जाए । तो ऐसी स्थिति में संसद संयुक्त लोक सेवा आयोग का गठन कर सकती है।

अनुच्छेद 316: सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि

  • राज्य लोक सेवा आयोग(Rajasthan Lok Seva Aayog) के अध्यक्ष की नियुक्ति अनुच्छेद 316: के तहत राज्य के राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री व मंत्रिपरिषद् की सिफारिश पर की जाती है।
  • प्रत्येक लोक सेवा आयोग के सदस्यों में से यथाशक्य निकटतम आधे ऐसे व्यक्ति होंगे,जो अपनी अपनी नियुक्ति की तारीख पर भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन कम से कम दस वर्ष तक पद धारण कर चुके हैं।
  • यदि आयोग के अध्यक्ष का पद रिक्त हो जाता है या यदि कोई ऐसा अध्यक्ष अनुपस्थिति के कारण या अन्य कारण से अपने पद के कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ है तो, यथास्थिति, जब तक रिक्त पद पर खंड (1) के अधीन नियुक्त कोई व्यक्ति उस पद का कर्तव्य भार ग्रहण नहीं कर लेता है या जब तक अध्यक्ष अपने कर्तव्यों को फिर से नहीं संभाल लेता है तब तक आयोग के अन्य सदस्यों में से ऐसा एक सदस्य राज्य आयोग की दशा में उस राज्य का राज्यपाल इस प्रयोजन के लिए नियुक्त करे, उन कर्तव्यों का पालन करेगा।
  •  अनुच्छेद 316(2) – आयोग अध्यक्ष एवं सदस्य अधिकतम 6 वर्ष अथवा 62 वर्ष की उम्र जो भी पहले हो(41वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा), के लिए आयोग में कार्यरत रहते है।
  • राज्य आयोग की दशा में राज्य के राज्यपाल को संबोधित कर अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा।
  • लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य को, अनुच्छेद 317 के खंड (1) या खंड ( 3 ) में उपबंधित रीति से उसके पद से हटाया जा सकेगा।
  • कार्यकाल की समाप्ति के पश्चात् आयोग के अध्यक्ष व सदस्य लाभ का पद ग्रहण नहीं करेंगे।
कोई व्यक्ति जो लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में पद धारण करता है, अपनी पदावधि की समाप्ति पर उस पद पर पुनर्नियुक्ति का पात्र नहीं होगा।

अनुच्छेद 317: लोक सेवा आयोग के सदस्य को हटाना और निलंबित करना

अनुच्छेद 317: के तहत लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर किए गए राष्ट्रपति के ऐसे आदेश से उसके पद से हटाया जाएगा जो उच्चतम न्यायालय को राष्ट्रपति द्वारा निर्देश किए जाने पर उस न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 145 के अधीन इस निमित्त विहित प्रक्रिया के अनुसार की गई जाँच पर, यह प्रतिवेदन किए जाने के पश्चात् किया गया है कि, यथास्थिति, अध्यक्ष या ऐसे किसी सदस्य को ऐसे किसी आधार पर हटा दिया जाए ।
अनुच्छेद 317 (1) हटाने का कारण :
  • RPSC के अध्यक्ष व सदस्यों को कदाचार का आरोप लगने पर हटाया जा सकता है।
  • जांच – उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा।
  • कदाचार के आरोप सिद्ध होने पर RPSC के अध्यक्ष व सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा पद से हटाया जाएगा।
अनुच्छेद 317 (2) निलम्बन :
  • राज्यपाल सर्वोच्च न्यायालय की जाँच के दौरान RPSC के अध्यक्ष व सदस्यों को निलम्बित कर सकता है।
अनुच्छेद 317 (3) : कदाचार के अलावा निम्नलिखित परिस्थितियों में भी राष्ट्रपति अध्यक्ष व सदस्यों को पद से हटा सकता है :
  • दिवालिया घोषित हो जाएं।
  • मानसिक व शारीरिक रूप से अक्षम हो ।
  • अपनी पदावधि मे अपने पद के कर्त्तव्यों के बाहर किसी सवेतन नियोजन में लगता है। अर्थात् लाभ का पद स्वीकार कर लें।
अनुच्छेद 317 (4):
  • यदि लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या कोई अन्य सदस्य किसी निगमित कंपनी के सदस्य के रूप में और कंपनी के अन्य सदस्यों के साथ सम्मिलित रूप से, किसी प्रकार से संयुक्त या हितबद्ध है या हो जाता है या उसके लाभ में भाग लेता है तो वह कदाचार का दोषी समझा जाएगा।

अनुच्छेद 318: आयोग के सदस्यों और कर्मचारियों की सेवा की शर्तों

  • संघ आयोग या संयुक्त आयोग की दशा में राष्ट्रपति और राज्य आयोग की दशा में उस राज्य का राज्यपाल विनियमों द्वारा आयोग के सदस्यों की संख्या और उनकी सेवा की शर्तों का अवधारण कर सकेगा।
  • आयोग के सदस्यों की संख्या और उनकी सेवा की शर्तों के संबंध में उपबंध कर सकेगा ।

अनुच्छेद 319: आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रह जाने पर पद

  • संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी भी और नियोजन का पात्र नहीं होगा ।
  • किसी राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या अन्य सदस्य के रूप में अथवा किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा, किन्तु भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी अन्य नियोजन का पात्र नहीं होगा ।
  • संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से भिन्न कोई अन्य सदस्य संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में या किसी राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा, किन्तु भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी अन्य नियोजन का पात्र नहीं होगा ।
  • किसी राज्य लोक सेवा आयोग के अध्ध्यक्ष से भिन्न कोई अन्य सदस्य संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य के रूप में अथवा उसी या किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा, किन्तु भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी अन्य नियोजन का पात्र नहीं होगा ।

अनुच्छेद 321: लोक सेवा आयोगों के कार्यों का विस्तार करने की शक्ति

  • अनुच्छेद 321: के तहत लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति, संसद द्वारा या किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाया गया।
  • कोई अधिनियम संघ लोक सेवा आयोग या राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा संघ की या राज्य की सेवाओं के संबंध में और किसी स्थानीय प्राधिकारी या विधि द्वारा गठित अन्य निगमित निकाय या किसी लोक संस्था की सेवाओं के संबंध में भी अतिरिक्त कृत्यों के प्रयोग के लिए उपबंध कर सकेगा।

अनुच्छेद- 322. लोक सेवा आयोगों के व्यय

  • लोक सेवा आयोगों के व्यय संघ या राज्य लोक सेवा आयोग के व्यय, जिनके अंतर्गत आयोग के सदस्यों या कर्मचारिवृंद को या उनके संबंध में संदेय कोई वेतन, भत्ते और पेंशन हैं, यथास्थिति, भारत की संचित निधि या राज्य की संचित निधि पर भारित होंगे।

अनुच्छेद-323. लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन

  • राजस्थान लोक सेवा आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन (रिपोर्ट) राज्यपाल को सौंपता है। राज्यपाल उस प्रतिवेदन की प्रति राज्य विधानमण्डल के समक्ष रखवाएगा।
  • राजस्थान लोक सेवा आयोग सचिवालय आयोग में एक सचिव व अन्य अधिकारी होते है।
  • आयोग का सचिव भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का अधिकारी होता है। जो प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्य देखता है। सचिव द्वारा समस्त प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्यों का निष्पादन किया जाता है, सचिव की सहायता हेतु उपसचिव तथा परीक्षा नियंत्रक होते है।

अनुच्छेद 320: राजस्थान लोक सेवा आयोग के कार्य

राज्य लोक सेवा आयोग(Rajasthan Lok Seva Aayog)अनुच्छेद 320 के अंतर्गत निम्न कार्य करती है –

1. विभिन्न भर्ती परीक्षाओं व साक्षात्कारों का आयोजन करवाना।

  • राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS)
  • असिस्टेंट प्रोफेसर
  • स्कूल व्याख्याता
  • उप-निरीक्षक ( SI)

2. राज्य सरकार को विभिन्न मामलों में सलाह प्रदान करना।

  • भर्ती की पद्धति
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के अनुशासनात्मक कार्यवाही के मामले
  • पदोन्नति में अनुभव में छुट
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के पेंशन संबंधित मामले
  • स्थानांतरण नीति (Transfer Policy)
  • प्रशिक्षण नीति (Training Policy)
  • पदोन्नति नीति (Promotion Policy)

3. संविधान के अनुच्छेद 320 (2) के अनुसार विभागीय पदोन्नती समिति (DPC) की बैठकों का आयोजन करवाना।

4. संविधान के अनुच्छेद 323 (2) के अनुसार राज्यपाल को वार्षिक प्रतिवेदन सौंपना।

5. राज्य विधानमण्डल द्वारा सौंपा गया कोई अतिरिक्त कार्य करना(राज्य सरकार को ऐसे मामलों में सलाह देना जो राज्यपाल आयोग को सौंपे गए  हो)।

राजस्थान लोक सेवा आयोग के संभाग

राजस्थान लोक सेवा आयोग(RPSC) को 6 संभागों में बांटा गया है –

  • प्रशासनिक संभाग
  • लेखा संभाग
  • भर्ती संभाग
  • परीक्षा संभाग
  • विधि संभाग
  • शोध संभाग

लोकसेवा आयोग का सचिवालय

  • भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को आयोग सचिवालय में सचिव के पद पर नियुक्त किया जाता है ।
  • सचिव द्वारा समस्त प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्यों का निष्पादन किया जाता है। सचिव की सहायता के लिये उपसचिव तथा परीक्षा नियन्त्रक होते हैं।

राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्वतंत्रताएँ

  • अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति में निश्चित कार्यकाल निर्धारित किया गया है।
  • कार्यकाल पूर्ण होने के बाद पुनः नियुक्ति का प्रावधान नहीं है ।
  • राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य केन्द्र और राज्य सरकार के कोई लाभ का पद धारण नहीं कर
    सकते है ।
  • एक बार नियुक्ति के बाद किसी प्रकार का अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।

राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों की सूची(RPSC अध्यक्ष की सूची)

राजस्थान लोक सेवा आयोग(RPSC) की स्थापना से लेकर वर्तमान तक अध्यक्षों की सूची दी जा रही है। राजस्थान लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष एस. के. घोष थे और वर्तमान अध्यक्ष श्री कैलाश चंद मीणा है।

  • सर्वाधिक कार्यकाल वाले आरपीएससी(RPSC) के चैयरमेन – देवीशंकर तिवाड़ी (1951-58) (6 वर्ष 5 माह ) ।
  • न्यूनतम कार्यकाल वाले आरपीएससी के चैयरमेन – बी. एल. रावत ( 34 दिन) (01.08.1966 से 03.09.1966 तक)
क्रमांक  नाम कब से कब तक
1 सर एस.के. घोष(मुख्य न्यायाधीश) 22-12-1949 25-01-1950
2 श्री एस.सी.त्रिपाठी 28-07-1950 07-08-1951
3 श्री डी.एस. तिवारी 08-08-1951 17-01-1958
4 श्री एम.एम. वर्मा 18-01-1958 03-12-1958
5 श्री एल.एल. जोशी, आईएएस (कार्यवाहक) 04-12-1958 31-07-1960
6 श्री वी.वी. नार्लिकर (प्रोफेसर एवं प्रमुख) 01-08-1960 31-07-1966
7 डॉ. बी.एल. रावत, आईएएस 01-08-1966 03-09-1966
8 श्री आर.सी. चौधरी, आरएचजेएस 04-09-1966 08-10-1971
9 श्री बी.डी.माथुर (सेवानिवृत्त चीफ इंजी.) 09-10-1971 23-06-1973
10 श्री आर.एस. कपूर (निदेशक कॉलेज शिक्षा) 24-06-1973 10-06-1975
11 श्री मोहम्मद याकूब, आरएचजेएस 27-06-1975 30-06-1979
12 श्री रामसिंह चौहान, आईएएस 01-07-1979 10-09-1980
13 श्री हरिदत्त गुप्ता (मुख्य अभियंता) 11-09-1980 09-06-1983
14 श्री एस. अदवियाप्पा (मुख्य अभियंता) 10-06-1983 26-03-1985
15 डॉ. दीनदयाल चौहान (प्रो.) 27-03-1985 07-11-1985
16 श्री जे.एम. खान, आईएएस 08-11-1985 27-11-1989
17 श्री एस.सी. सिंगारिया (कार्यवाहक) 28-11-1989 04-09-1990
18 श्री यतीन्द्र सिंह, आईएएस 05-09-1990 06-10-1995
19 श्री हनुमान प्रसाद, आईएएस 06-10-1995 30-09-1997
20 श्री पी.एस. यादव, आईपीएस 01-10-1997 06-11-1997
21 श्री देवेन्द्र सिंह, आईपीएस 06-11-1997 30-12-2000
22 श्री एन.के. बेरवा, आईएएस 31-12-2000 22-03-2004
23 डॉ. एस.एस. टाक (कार्यवाहक) (प्रोफेसर) 26-03-2004 15-07-2004
24 श्री जी.एस. तौक (सेवानिवृत्त चीफ इंजी.) 15-07-2004 04-07-2006
25 श्री एच.एन. मीना, आईपीएस (सेवानिवृत्त) (कार्यवाहक) 04-07-2006 19-09-2006
26 श्री सी.आर. चौधरी 29-09-2006 28-02-2010
27 श्री महेंद्र लाल कुमावत, आईपीएस (सेवानिवृत्त) 28-02-2010 01-07-2011
28 प्रो बी.एम. शर्मा 01-07-2011 31-08-2012
29 डॉ. हबीब खान गौरान, आईपीएस (सेवानिवृत्त) 31-08-2012 22-09-2014
30 डॉ. आर.डी. सैनी (कार्यवाहक) 24-09-2014 10-08-2015
31 डॉ. एल.के. पनवार, आईएएस (सेवानिवृत्त) 10-08-2015 10-07-2017
32 श्री श्याम सुन्दर शर्मा 11-07-2017 28-09-2017
33 डॉ. राधे श्याम गर्ग 18-12-2017 01-05-2018
34 श्री दीपक उप्रेती (आईएएस सेवानिवृत्त) 23-07-2018 14-10-2020
35 डॉ. भूपेन्द्र सिंह (आईपीएस सेवानिवृत्त) 14-10-2020 01-12-2021
36 डॉ. शिव सिंह राठौड़ (कार्यवाहक) 02-12-2021 29-01-2022
37 श्री जसवन्त सिंह राठी (कार्यवाहक) 01-02-2022 15-02-2022
38 श्री संजय कुमार श्रोत्रिय 16-02-2022 01/08/2024
39 श्री कैलाश चंद मीणा 06/08/2024 वर्तमान

राजस्थान लोक सेवा आयोग के कार्यवाहक अध्यक्षों की सूची

  1. श्री एल. एल. जोशी(प्रथम कार्यवाहक अध्यक्ष)
  2. बी. एल. रावत
  3. श्री एस. सी. सिंगारिया
  4. श्री एस. एस. टॉक
  5. श्री एच. एन. मीणा
  6. श्री आर.डी. सैनी
  7. श्री जसवंत सिंह राठी
  8. श्री शिव सिंह राठौर

राजस्थान लोक सेवा आयोग में अभी तक महिला सदस्य

  1. कांता कथूरिया
  2. कमला भील
  3. प्रकाशवती शर्मा
  4. दिव्या सिंह
  5. राजकुमारी गुर्जर
  6. संगीता आर्य
  7. मंजू शर्मा

अनुच्छेद 322: लोक सेवा आयोगों के व्यय

  • राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के वेतन-भत्ते, पेंशन सहित सभी खर्चे राज्य की संचित निधि पर भारित होंगे।
  • राज्य की संचित निधि से अध्यक्ष को 2 लाख 25 हजार व सदस्यों को 2 लाख 15 हजार वेतन देय है।

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के बारे में कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स:

राजस्थान लोक सेवा आयोग को मेरीट पद्धति का वाच डॉग (सुरक्षा प्रहरी) कहते है।
  • एस.सी. त्रिपाठी संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य तथा RPSC के अध्यक्ष रहे
  • सर्वाधिक लम्बा कार्यकाल देवीशंकर तिवारी का था ।
  • आरपीएससी के सदस्य ओ. पी .गुप्ता ( ओमप्रकाश गुप्ता) राज्य सरकार में मुख्य सचेतक भी रहे हैं ।
  • प्रथम सचिव –  श्री श्यामसुन्दर शर्मा।
  • प्रथम महिला सचिव –  श्रीमती ओतिमा बोरडिया।
  • राजस्थान के राज्यपाल रघुकुल तिलक राज्यपाल से पूर्व राजस्थान लोकसेवा आयोग के सदस्य रहे थे।
  •  एन के बैरवा आरपीएससी के सचिव एवं अध्यक्ष दोनों पदों पर रहे हैं।
  • आरपीएससी की सदस्य कमला भील (MLA), राज्य सरकार में मंत्री भी रही हैं ।
  • पी आर चौधरी जो सांसद थे, राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य रहे थे।
  • एस. डी. उज्ज्वल ऐसे राजस्थान के मुख्य सचिव जो आरपीएससी के सदस्य भी रहे।
  • कांता कथूरिया (MLA) एवं प्रकाशवती शर्मा RPSC एवं UPSC दोनों की सदस्य रही हैं।
  • कमला भील, आरपीएससी की ऐसी सदस्य थी, जो राजस्थान सरकार में राज्य मंत्री भी रही थी।
  • श्रीमती कांता कथूरिया आयोग सदस्य के साथ राजस्थान राज्य महिला आयोग की प्रथम अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक रही।
  • एन.एल. जैन (नाथूलाल जैन) आरपीएससी के ऐसे सदस्य थे जो राजस्थान विधानसभा के पूर्व स्पीकर रहे।
  • देवेंद्र सिंह तथा भूपेंद्र यादव राजस्थान पुलिस के पूर्व महानिदेशक जो आरपीएससी के चेयरमैन भी रहे।
  • आयोग के कार्यों को नियमित करने के उद्देश्य से राष्ट्रपति द्वारा राजस्थान लोक सेवा आयोग (सेवा की शर्तें) नियम, 1951 एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग (कार्यों की सीमा) नियम, 1951 पारित किए गये।
  • सी.आर. चौधरी आरपीएससी के अध्यक्ष थे जो लोक सभा सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे।
आरपीएससी के सदस्य जिन्होंने राज्यपाल को अपना त्यागपत्र दिया है
  1. कांता कथूरिया जी (आरपीएससी एवं यूपीएससी सदस्य, राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष )
  2. शिवपाल सिंह जी
  3. दिव्या सिंह जी
  4. श्याम सुंदर शर्मा जी
वे मामले जिन पर राज्य सरकार आयोग से सलाह नहीं लेती है –
  • नयी लोक सेवा का सृजन।
  • पदों का वर्गीकरण
  • प्रथम नियुक्ति के पश्चात वेतन का निर्धारण
  • पदोन्नति के पश्चात वेतन का निर्धारण
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों का स्थानांतरण
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों की नियुक्ति
  • प्रशिक्षण अवधि  का निर्धारण
  • प्रोबेशन अवधि या परिवीक्षा काल  का निर्धारण

निष्कर्ष : Rajasthan Lok Seva Aayog

आज के आर्टिकल में हमनें राजस्थान लोकसेवा आयोग(Rajasthan Public Service Commission) के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की, हमनें  RPSC के गठन,कार्य और महत्त्वपूर्ण अनुच्छेदों के बारे में भी विस्तार से पढ़ा। हम आशा करतें है कि आप हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से संतुष्ठ होंगे।….धन्यवाद

FAQs – RPSC in Hindi

प्रश्न : 1 राजस्थान लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष कौन थे ?

उत्तर – राजस्थान लोक सेवा आयोग(RPSC) के प्रथम अध्यक्ष एस. के. घोष थे। प्रारंभिक दो सदस्य डी.एस. तिवारी और एन.आर. चंदोरकर थे। राज्य लोक सेवा आयोग के प्रथम सचिव एस.एस. शर्मा थे।

प्रश्न : 2 राजस्थान लोक सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष कौन है ?

उत्तर – राजस्थान लोक सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष (Rajasthan public service commission chairman) कैलाश चंद मीणा है। संजय कुमार क्षोत्रिय का कार्यकाल पूरा हो चुका है और उन्हें पद से हटा दिया गया है। वर्तमान में 6 अगस्त, 2024 को कैलाश चंद मीणा को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के वर्तमान में अध्यक्ष कैलाश चंद मीणा हैं।

प्रश्न: 3 आरपीएससी के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति किसकी सिफारिश पर की जाती है ?

उत्तर  – राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति अनुच्छेद 316 के तहत राज्य के राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री व मंत्रिपरिषद् की सिफारिश पर की जाती है। यदि आयोग के अध्यक्ष का पद रिक्त हो जाता है या यदि कोई ऐसा अध्यक्ष अनुपस्थिति के कारण या अन्य कारण से अपने पद के कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ है तो, यथास्थिति, जब तक रिक्त पद पर खंड (1) के अधीन नियुक्त कोई व्यक्ति उस पद का कर्तव्य भार ग्रहण नहीं कर लेता है या जब तक अध्यक्ष अपने कर्तव्यों को फिर से नहीं संभाल लेता है तब तक आयोग के अन्य सदस्यों में से ऐसा एक सदस्य राज्य आयोग की दशा में उस राज्य का राज्यपाल इस प्रयोजन के लिए नियुक्त करे, उन कर्तव्यों का पालन करेगा।

प्रश्न :4 आरपीएससी के अध्यक्ष एवं सदस्यों को कौन हटा सकता है ?

उत्तर  – अनुच्छेद 317 के तहत लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर किए गए राष्ट्रपति के ऐसे आदेश से उसके पद से हटाया जाएगा जो उच्चतम न्यायालय को राष्ट्रपति द्वारा निर्देश किए जाने पर उस न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 145 के अधीन इस निमित्त विहित प्रक्रिया के अनुसार की गई जाँच पर, यह प्रतिवेदन किए जाने के पश्चात् किया गया है कि, यथास्थिति, अध्यक्ष या ऐसे किसी सदस्य को ऐसे किसी आधार पर हटा दिया जाए ।

प्रश्न : 5 आरपीएससी के अध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल कितना होता है ?

उत्तर – अनुच्छेद 316(2) – आयोग अध्यक्ष एवं सदस्य अधिकतम 6 वर्ष अथवा 62 वर्ष की उम्र जो भी पहले हो(41वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा), के लिए आयोग में कार्यरत रहते है। राज्य आयोग की दशा में राज्य के राज्यपाल को संबोधित कर अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा।

प्रश्न : 6  राजस्थान लोक सेवा आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन रिपोर्ट किसको सौंपती है ?

उत्तर  – संविधान के अनुच्छेद 323 (2) के अनुसार राजस्थान लोक सेवा आयोग राज्यपाल को वार्षिक प्रतिवेदन सौंपती है।

प्रश्न : 7  राजस्थान लोक सेवा आयोग के वर्तमान सचिव कौन है?

उत्तर  – राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के वर्तमान सचिव श्री रामनिवास मेहता हैं। इनका कार्यकाल 25/07/2023 से 31/07/2026 तक रहेगा। श्री रामनिवास मेहता पूर्व में आईएएस अधिकारी रह चुके है।

प्रश्न : 8  राजस्थान लोक सेवा आयोग कहां स्थित है?

उत्तर:  राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) सर्वप्रथम इसकी स्थापना 16 अगस्त 1949 को जयपुर में की गई। राजस्थान लोक सेवा आयोग(RPSC ) दिनांक 22 दिसम्बर, 1949 को अस्तित्व में आया था।1956 में सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर इसका मुख्यालय अजमेर स्थानांतरित कर दिया गया।

ये भी पढ़ें:

Leave a Comment