साबरमती नदी – Sabarmati Nadi | प्रवेश, लम्बाई, उद्दगम, नक्शा , प्राचीन नाम, सहायक नदियाँ

आज के आर्टिकल में हम राजस्थान की अरबसागर(खंभात की खाड़ी) में जल गिराने वाली नदी साबरमती नदी(Sabarmati Nadi) के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

साबरमती नदी – Sabarmati Nadi

साबरमती नदी
साबरमती नदी
उद्गम गोगुंदा की पहाड़ियाँ, पादरला गाँव, झाडौल तहसील (उदयपुर)
प्रवाह क्षेत्र उदयपुर
कुल लम्बाई 416 किमी.
राजस्थान में लम्बाई 45 किमी.
सहायक नदी वेतरक, सेई, हथमती, मेश्वा, माजम तथा वाकल

साबरमती नदी से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य –

  • साबरमती नदी राजस्थान की अरब सागर(खंभात की खाड़ी) में गिरने वाली नदी है।
  • साबरमती नदी का उद्गम उदयपुर में कोटड़ा तहसील के पदराला गांव की पहाड़ी से होता है। उदयपुर में बहने के पश्चात् यह नदी गुजरात में बहती हुई खंभात की खाड़ी में जल गिराती है।
  • साबरमती नदी झाड़ोल व फुलवारी की नाल के मध्य पाँच सरिताओं में विभक्त होकर राजस्थान से बाहर निकलती है।
  • उदयपुर झीलों में साबरमती नदी का जल प्रवाहित करने के लिए ’देवास सुरंग’ बनाई गई है। देवास सुरंग राज्य की सबसे लम्बी सुरंग है, जिसकी कुल लम्बाई 11.5 किमी. है।
  • साबरमती नदी के किनारे गाँधी नगर, अहमदाबाद तथा साबरमती आश्रम स्थित है।
  • साबरमती नदी का उद्गम राजस्थान से होता है लेकिन यह नदी गुजरात की मुख्य नदी है।
  • साबरमती गुजरात की प्रमुख नदी है।

निष्कर्ष  –

आज के आर्टिकल में हमनें राजस्थान की अंत: प्रवाही नदी साबरमती नदी(Sabarmati Nadi) के बारे में विस्तार से जानकरी दी। हम आशा करतें है कि हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से आप संतुष्ठ होंगे…धन्यवाद

FAQ –

1 . साबरमती नदी का उद्गम स्थल कहाँ है

उत्तर – साबरमती नदी का उद्गम उदयपुर में कोटड़ा तहसील के पदराला गांव की पहाड़ी से होता है। उदयपुर में बहने के पश्चात् यह नदी गुजरात में बहती हुई खंभात की खाड़ी में जल गिराती है।

2.  देवास सुरंग किस नदी पर स्थित है?

उत्तर  – उदयपुर झीलों में साबरमती नदी का जल प्रवाहित करने के लिए ’देवास सुरंग’ बनाई गई है। देवास सुरंग राज्य की सबसे लम्बी सुरंग है, जिसकी कुल लम्बाई 11.5 किमी. है।

3. साबरमती नदी की कुल लम्बाई कितनी है?

उत्तर  – साबरमती नदी की कुल लम्बाई 471 किलोमीटर है।

4. साबरमती नदी की सहायक नदियाँ कौनसी है?

उत्तर  – साबरमती नदी की सहायक नदियाँ वेतरक, सेई, हथमती, मेश्वा, माजम तथा वाकल है

राजस्थान की अंत:प्रवाही नदियाँ 

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